कानपुर के लोगों की सुबह 'जय भोलेनाथ' और 'जय बजरंगबली' के बिना शुरू नहीं होती। आज हम आपको ले चलेंगे कानपुर के दो सबसे प्राचीन और सिद्ध मंदिरों में - परमट (बाबा आनंदेश्वर) और पनकी हनुमान मंदिर।
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1. बाबा आनंदेश्वर (परमट मंदिर): गंगा किनारे शिव का वास
गंगा नदी के तट पर स्थित, परमट मंदिर कानपुर का 'काशी विश्वनाथ' माना जाता है।
इतिहास: कहा जाता है कि यहाँ का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से प्रकट हुआ था। महाभारत काल के राजा कर्ण भी यहाँ पूजा करते थे।
सावन का मेला: सावन के महीने में यहाँ लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है। गंगा के किनारे बैठकर शिव की आराधना करना एक दिव्य अनुभव है।
2. पनकी हनुमान मंदिर: बुढ़वा मंगल की महिमा
पनकी स्थित हनुमान मंदिर को 'पनकी वाले हनुमान जी' के नाम से जाना जाता है।
अनोखी मान्यता: यहाँ हनुमान जी की प्रतिमा का मुख पूर्व की ओर है और कहा जाता है कि उनकी मुद्रा बदलती रहती है।
प्रसाद: यहाँ का बूंदी का लड्डू बहुत प्रसिद्ध है। बुढ़वा मंगल (Budhwa Mangal) के दिन यहाँ पैर रखने की जगह नहीं होती।
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क्या आपने कभी बाबा आनंदेश्वर का रुद्राभिषेक देखा है? कमेंट में 'हर हर महादेव' लिखकर अपनी हाजिरी लगाएं!